राजस्थान का एकीकरण :- 1947 से 1956 तक

राजस्थान का एकीकरण

राजस्थान के गठन के प्रारम्भिक प्रयास :-
*30 मार्च ,1949 से पूर्व राजस्थान 19 रियासतों व 3 ठिकानों कुशलगढ़ ,नीमराणा और लावा तथा चीफ कमिश्नर द्वारा प्रशासित अजमेर -मेरवाड़ा प्रदेश में विभक्त था |
*लॉर्ड माउंटबेटन ने 04 जून को भारत के विभाजन की घोषणा की | देसी रियासतों को यह अधिकार दिया गया की वे भारत संघ में विलय हो या पाकिस्तान में मिले अथवा स्वंय को स्वतंत्र घोषित कर दे |
*रियासती विभाग की स्थापना -05 जुलाई ,1947
-नेतृत्व -लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल
-सचिव -वी.पी. मेनन
#नोट -15 अगस्त 1947 को भारत स्वाधीन हुआ |
*भारत सरकार के रियासती सचिवालय ने निर्णय लिया कि स्वतंत्र भारत में वे ही रियासते अपना पृथक अस्तित्व रख सकेंगी जिनकी आय 01 करोड़ रूपये वार्षिक एव जनसख्या 10 लाख या इससे अधिक हो |
-इस माप दंड के अनुसार राजस्थान की केवल जोधपुर ,जयपुर ,उदयपुर ,बीकानेर ही शर्त को पूरा करते थे |
राजस्थान की प्रमुख रियासतों की समस्याऍ :-
(1) स्वतंत्रता एंव विभाजन के बाद हुए सांप्रदायिक झगड़े मुख्य कारण थे |
(2)अलवर ,व भरतपुर में मेव जाति की समस्या पुन उभर कर आयी और साथ ही अलवर गाँधी जी हत्या में नाम आने के कारण विवादित था |
(3)जोधपुर की भौगोलिक एंव सामाजिक स्थिति अत्यंत ही महत्वपूर्ण थी | जिसके कारण पाकिस्तान जोधपुर तरफ मिलाना चाहता था |
(4)बीकानेर संविधान निर्मात्री सभा का प्रतिनिधि था ,परन्तु फिर भी शासक का मन स्वतंत्र अस्तित्व बनाए रखने का ही था |
@नोट-मेवाड़ महाराज ने 25 जून 1946 ई. को जयपुर में राजधानी राजाओं का एक सम्मेलन आयोजित किया जिसका उदेश्य एक संघ बनाना था | किन्तु समस्त शासक एक मत न हो सके इसलिए महाराजा की योजना सफल म हो सकी |
-इसी तरह डूँगरपुर के शासक ने भी बागड़ राज्य (डूँगरपुर -बांसवाड़ा -प्रतापगढ़ )बनाने का असफल प्रयास किया |
राजस्थान के एकीकरण के निम्नलिखित चरण:-
चरण संघ तिथि रियासते
(1) प्रथम -मत्स्य संघ -18 मार्च,1948-अलवर,भरतपुर,करौली,धौलपुर(A+B+C+D)ठिकाना-नीमराणा
![]() |
पहला चरण राजस्थान एकीकरण का |
(2)द्वितीय -राजस्थान संघ -25 मार्च1948 -बांसवाड़ा ,बूंदी ,झालावाड़,कोटा, प्रतापगढ़,टोंक,किशनगढ़,तथा शाहपुरा रियासते व ठिकाना -कुशलगढ़
(3)तृतीय -संयुक्त -18 अप्रैल1948 - राजस्थान संघ में उदयपुर रियासत मिली |
(4)चतुर्थ -वृहत राजस्थान-30 मार्च 1948 - जोधपुर,जयपुर,जैसलमेर,बीकानेर(JJJB)रियासते सयुक्त राजस्थान में मिली |
-राजस्थन का गठन इसी तिथि को माना जाता है तथा प्रति वर्ष इसी दिन राजस्थान दिवस मनाया जाता है |
-7 अप्रैल 1949 को राजस्थान के प्रथम प्रधानमंत्री( बाद में पहले मुख्यमंत्री) हीरालाल शास्त्री जी ने शपथ ग्रहण की |
(5)पंचम-संयुक्त वृहत्तर राज.-15 मई 1949 -वृहत राजस्थान का मत्स्य संघ में विलय हुआ |
(6)षष्ठम-राजस्थान -जनवरी 1950 -सिरोही का विलय(आबू व दिलवाड़ा तहसील को छोड़कर)
![]() |
राजस्थान में सिरोही का विलय |
नोट-26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने पर इस राज्य का विधिवत रूप से राजस्थान नाम दिया गया |
(7)सप्तम-वर्तमान राजस्थान -1 नवम्बर 1956 को राजस्थान संघ+अजमेर-मेरवाड़ा+आबू-दिलवाड़ा तहसील व मध्य्प्रदेश का सुनेल टप्पा राज्य में शामिल हुए | और राज्य के झालावाड़ जिले के एक भाग सिरोंज क्षेत्र कप मध्यप्रदेश में मिलाया गया |
![]() |
आधुनिक राजस्थान |
*संविधान के 7 वें संशोधन द्वारा 'ए' व 'बी' श्रेणी का भेदभाव को बंद कर दिया गया तथा राजप्रमुख के स्थान पर राजयपाल का पद सृजित हुआ |
![]() |
आपनो राजस्थान !!! |
वस्तुनिष्ठ प्रश्न :-
प्रश्न (1) 1 नवम्बर 1956 से पहले राजस्थान राज्य के प्रमुख जाने जाते थे ?
उत्तर
प्रश्न (2) राज्य की किस रियासत को प.जवाहरलाल नेहरू ने विश्व का आठवाँ आस्चर्य कहा ?
उत्तर
प्रश्न (3) पुनर्गठन के बाद (1.1.1956 को ) राज्य में जिले थे?
प्रश्न(4)संविधान निर्मात्री परिषद में सर्वप्रथम अपना प्रतिनिधि किस रियासत ने भेजा था?
उत्तर
प्रश्न(5)मत्स्य संघ को वृहत राजस्थान में किस समिति की सिफ़ारिशो पर मिलाया गया?
उत्तर
राजस्थान का इतिहास
0 comments:
Post a Comment