-:राजस्थान के लोक देवता:-
राजस्थान के लोक देवता की ट्रिक:- पाबू,हडबू,रामदेव,मेहा मांगलिया|
पांचो पीर पधारो,गोगाजी गेहा||
या
ट्रिक:-हमारा गोपा
-नोट :-वीर तेजा जी महाराज पंच पीरो में शामिल नहीं है|
(1) गोगाजी
जन्म-ददरेवा,चूरू
पिता-जेवर सिंह
#माता- बाछल दे
# जाति - राजपूत{चौहान}
#पत्नी-कैमल दे
#ससुर -बूढ़ा जी राठौड़{कोलू गांव}
#गुरु -गोरखनाथ {गूगल फल/पूड़ी से जन्म}
#घोड़ी-नीला
#उपनाम:-जाहरपीर,सांपो के देवता
#महत्वपूर्ण:-
-*गोगाजी ने महमूद गजनवी से युद्ध किया |
-*गोगाजी मुसलमानो से गायों को छुड़वाते समय अपने प्राणो का बलिदान दिया|
*गोगाजी की शीर्ष मेड़ी=ददरेवा चूरू
*धुरमेडी=नोहर{हनुमानगढ़}*औरडी=सांचौर{जालौर}
*मेला-भाद्रपद कृष्ण नवमीं
-निर्माता{गोगा मेडी का}:- फ़िरोजशाह तुगलक
-आकृति-मकबरेनुमा{बिस्मिल्ला लिखा हुआ है}
-वर्तमान स्वरूप- बीकानेर महाराजा गंगासिंह ने
-मुस्लिम पुजारी-चायल कहलाते है|
#हिन्दू व् मुस्लिम दोनों में पूजे जाने वाले लोक देवता है|
#किसान हल जोतने से पहले गोगा राखड़ी हल के बांधकर पूजा करते है|
{2 } पाबूजी
जन्म - कोलू गांव फलौदी
पिता -धांधल जी
माता -कमला दे
जाति -राजपूत{राठौड़}
पत्नी -फुलन दे /सुप्यारी दे
ससुर-सुरजमल लोढ़ा अमरकोट,पाकिस्तान
उपनाम:-
ऊँटो के देवता
*साहित्य में पाबूजी के जन्म को लक्ष्मण जी का अवतार माना गया है|
नोट:-लक्ष्मण जी मंदिर = भरतपुर
*मारवाड़ में ऊंट लाने का श्रेय पाबूजी को ही जाता है|
*ऊंट के बीमार होने पर पाबूजी की फड़ वाची जाती है|
*सर्वाधिक लोकप्रिय फड़ पाबूजी की है|
*देवली चारण की घोड़ी केसर कालमी को लेकर पाबूजी अमरकोट शादी करने के लिए गए थे|
*देवली चारनी की गायों को छुड़वाते समय बहनोई जींजरायल खींची से युद्ध करते हुए मारे गए|
*पाबूजी की हत्या का बदला रुपकनाथ / बारखनाथ ने बहनोई जींजरायल की हत्या कर के लिया|
*रुपनाथ /बारखनाथ की हिमाचल प्रदेश में पूजा होती है|
*पाबूजी की जीवनी = पाबू प्रकाश{आसिया मोडजी}रचयिता
(3) रामदेवजी
जन्म - उडुकाश्मीर,शिव{बाड़मेर}
पिता -अजमल जी
माता -नेतल दे
घोडा -लीला
मंदिर -देवरा
पुजारी -रिखिया
*रामदेवजी ने कामड़िया पंथ चलाया था|
*रामदेवजी ने मेघवाल जाति की डालीबाई को धर्मबहिन बनाई,जिनका मंदिर रामदेवजी के मंदिर के सामने बना है|
*कृष्ण का अवतार & मुस्लिम लोग रामपीर कहते है|
*साम्प्रदायिक सदभावना के लिए जाना जाता है|
*मूर्ति पूजा विरोध
*पगलियो का पूजन होता है|
*एकमात्र लोकदेवता जो कवि भी थे|
*उपदेश "24 वाणियो" में सुरक्षित है, जिसे बाबा रो पर्चो कहते है|
*भैरव नामक राक्षक को मार कर भैरव बावड़ी का निर्माण किया|
मेला :-भाद्रपद शुक्ला द्वितिया से एकादशी तक
नोट :- इस मेले में तेरहताली नृत्य किया जाता है|
#प्रसिद्ध स्थल - रामदेवरा
#छोटा रामदेवरा - गुजरात
अन्य स्थल :-
(1)बिराठिया,अजमेर (2)सुदताखेड़ा,चितौड़
नोट :-वर्तमान में रामदेवरा तालाब भी है,जिसका निर्माण महाराजा गंगासिंह जी ने करवाया था |
(4) हड़बू जी
जन्म -भूंडेल {नागौर}
पिता -मेहाजी
जाति -सांखला,राजपूत
उपनाम - शगुन शास्त्र का ज्ञाता गुरु -बालीनाथ
*रामदेवजी के मौसेरे भाई थे |
*बैल गाडी से अपंग गायों के लिए चारा लाया करते थे | *इसलिए इनके पुजारी बैल गाड़ी की पूजा करते है | *हड़बू जी ने राव जोधा को एक चमत्कारी तलवार दी जिसके कारण जोधा ने जोधपुर की स्थापना की |
(5) मेहाजी मांगलिया
प्रमुख स्थल :-बापिणी,फलौदी जोधपुर
# घोड़ी :-किरण कावड़ा
#जैसलमेर के रंगदेव भाटी के सामने लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए |
मेला :- भाद्रपद कृष्ण अष्ट्मी (जन्माष्ट्मी)
-: राज स्थान के लोक देव ता:- राजस्थान के लोक देवता की ट्रिक :- पाबू,हडबू,रामदेव,मेहा मांगलिया| पांचो पीर पधारो,गोगाजी गेह...